BJP MLA Nitesh Rane हाल ही में अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में आ गए हैं। महाराष्ट्र के कणकवली क्षेत्र से विधायक राणे ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कठोर टिप्पणियां की हैं, जो अब उनके लिए ही मुसीबत बन गई हैं। इस बार न केवल विपक्ष बल्कि उनकी अपनी पार्टी के नेता भी उनके बयानों का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
हाजी अरफात शेख का कड़ा विरोध
बीजेपी के राज्य नेता हाजी अरफात शेख ने नितेश राणे के बयानों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने राणे को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वे मुस्लिम समुदाय पर हमला करना चाहते हैं तो मस्जिदों में जाकर करें। शेख ने कहा, “राणे, तुम गब्बर नहीं हो, बल्कि हिंदुओं के गोबर हो।” शेख ने यह भी चेतावनी दी कि यदि राणे ने इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग जारी रखा, तो मुसलमान सड़कों पर उतर सकते हैं, जिससे राणे अपने मुंह तक नहीं खोल पाएंगे।
विवाद का स्रोत
विवाद की जड़ हाल ही में नितेश राणे के सार्वजनिक भाषणों में है, जो उन्होंने अहमदनगर के श्रीरामपुर और टोपखाना क्षेत्रों में दिए। इन भाषणों में राणे ने हिंदू संत महंत रामगिरी महाराज का समर्थन किया, जिन्होंने पहले इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। राणे ने मुस्लिम समुदाय को धमकी देते हुए कहा, “हम आपकी मस्जिदों में घुसकर एक-एक करके मारेंगे। यह धमकी मैं आपको उसी भाषा में दे रहा हूं जो आप समझते हैं। अगर आप हमारे रामगिरी महाराज के खिलाफ कुछ कहेंगे, तो हम आपकी मस्जिदों में घुसकर आपको एक-एक करके मारेंगे।”
शेख का जवाब और हिंदुत्व की सही व्याख्या
शेख ने राणे के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें हिंदुत्व का सही अर्थ समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “राणे को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, श्री राम और बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व को समझना चाहिए। राणे जो कह रहे हैं, वह महाराष्ट्र और भारत के हिंदुओं का दृष्टिकोण नहीं है।”
BJP MLA Nitesh Rane के बयान और राजनीति में महत्वाकांक्षा
शेख ने सवाल उठाया कि क्या राणे के मुस्लिम विरोधी बयान उनके या उनके पिता के लिए मंत्री पद की महत्वाकांक्षा से प्रेरित हैं? उन्होंने कहा, “यदि वह मुसलमानों के खिलाफ इसी प्रकार की भाषा का उपयोग जारी रखते हैं और मैं अपने पुराने काम और राजनीति की शैली में लौटता हूं, तो वह एक शब्द भी नहीं बोल पाएंगे।” शेख ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें।
अन्य नेताओं का राणे की आलोचना
राणे की आलोचना केवल शेख तक सीमित नहीं है। अहमदनगर के पूर्व बीजेपी सांसद सुजय विक्हे पाटिल ने भी राणे को जाति और धर्म के आधार पर लोगों को विभाजित करने के खिलाफ चेतावनी दी। पाटिल ने कहा, “यदि वह हमारे लोगों को विभाजित करने की कोशिश करते हैं, तो मैं उनके सामने खड़ा हूँ। अहमदनगर जिला सामाजिक समरसता में विश्वास करता है और हम किसी को भी इसे बाधित करने की अनुमति नहीं देंगे।”
राणे के बयान से बीजेपी पर प्रभाव
नितेश राणे के विवादित बयान न केवल उनके खुद के लिए बल्कि बीजेपी की छवि के लिए भी हानिकारक साबित हो सकते हैं। एक ओर जहां पार्टी हिंदुत्व के एक समावेशी और समाज को जोड़ने वाले दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही है, वहीं राणे के बयान इस प्रयास को कमजोर कर सकते हैं।
Conclusions
नितेश राणे के बयानों ने न केवल उनकी खुद की पार्टी के भीतर बल्कि पूरे राज्य में विवाद पैदा कर दिया है। जहां एक ओर वह हिंदुत्व का समर्थन करते हुए दिखाई देते हैं, वहीं दूसरी ओर उनके बयान समाज में विभाजन को बढ़ावा देने वाले प्रतीत होते हैं। हाजी अरफात शेख और सुजय विक्हे पाटिल जैसे वरिष्ठ बीजेपी नेताओं का राणे के खिलाफ खड़ा होना यह दर्शाता है कि पार्टी के भीतर इस तरह की विभाजनकारी राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. नितेश राणे कौन हैं और वह किस राजनीतिक दल से जुड़े हैं?
उत्तर: नितेश राणे महाराष्ट्र के कणकवली क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक हैं। वह एक प्रभावशाली नेता हैं और हाल ही में अपने विवादास्पद बयानों के चलते चर्चा में रहे हैं।
2. नितेश राणे के मुस्लिम विरोधी बयानों का स्रोत क्या है?
उत्तर: नितेश राणे के मुस्लिम विरोधी बयान उनके हालिया सार्वजनिक भाषणों में सामने आए, जो उन्होंने अहमदनगर के श्रीरामपुर और टोपखाना क्षेत्रों में दिए। इन भाषणों में उन्होंने मुस्लिम समुदाय को धमकी दी और हिंदू संत महंत रामगिरी महाराज का समर्थन किया।
3. हाजी अरफात शेख ने नितेश राणे के बयानों पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर: हाजी अरफात शेख, जो कि बीजेपी के राज्य नेता हैं, ने नितेश राणे के बयानों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने राणे को चेतावनी दी कि वह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ इस तरह की भाषा का उपयोग न करें और अगर वह ऐसा जारी रखते हैं, तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
4. क्या नितेश राणे के बयानों का बीजेपी पर कोई प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: हाँ, नितेश राणे के बयानों से बीजेपी की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके बयानों की निंदा की है और इसे पार्टी की आधिकारिक विचारधारा के खिलाफ बताया है।
5. क्या नितेश राणे के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी?
उत्तर: इस बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनके बयानों पर गंभीरता से ध्यान देने की बात कही है।
6. क्या नितेश राणे के बयानों का समाज पर कोई प्रभाव पड़ सकता है?
उत्तर: नितेश राणे के बयानों से समाज में विभाजन और तनाव बढ़ सकता है। ऐसे बयानों से साम्प्रदायिक सद्भावना को नुकसान पहुंच सकता है और इसलिए इस तरह की भाषा का उपयोग करने से बचना चाहिए।