चैन्नई में मंगलवार, 25 मार्च को कराटे मास्टर और अभिनेता Shihan Hussaini का कैंसर से लड़ते हुए निधन हो गया। वे लंबे समय से इस घातक बीमारी से जूझ रहे थे। उनके परिवार ने उनके आधिकारिक फेसबुक पेज के माध्यम से उनके निधन की खबर साझा की।
परिवार द्वारा दी गई जानकारी
शिहान हुसैनी के परिवार ने उनके फेसबुक अकाउंट पर लिखा, “मुझे बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि HU (हुसैनी) हमें छोड़कर चले गए हैं। HU हाई कमांड (उनका निवास स्थान, बेसेंट नगर, चेन्नई) में शाम तक रहेंगे।”
इसके अलावा, परिवार ने आगे लिखा, “डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, HU का पार्थिव शरीर उनके घर से दोपहर 2 बजे अंतिम यात्रा के लिए रवाना होगा और अंतिम संस्कार आज शाम 4 बजे रॉयपेट्टाह अमीरुनीसा कब्रिस्तान, चेन्नई में किया जाएगा। सभी तीरंदाज अपने यूनिफॉर्म में आएं। कराटे प्रशिक्षार्थी अपनी GI ड्रेस में आएं। छात्र दोपहर 12 बजे तक हाई कमांड पहुंच जाएं।”
Shihan Hussaini के मृत्यु के बाद शरीर दान करने की इच्छा

अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, शिहान हुसैनी ने पहले ही अपने शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए दान करने की घोषणा कर दी थी।
उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था, “श्री रामचंद्र मेडिकल यूनिवर्सिटी और रिसर्च इंस्टीट्यूट के डीन डॉ. बालाजी ने मुझे शरीर दान करने की अनुमति पत्र भेजा, जिसे मैंने हस्ताक्षर कर दिया है। यह दान मेडिकल छात्रों को शरीर रचना (एनाटॉमी) सीखने के लिए किया जाएगा। मुझे खुशी है कि मैं अपनी मृत्यु के बाद भी शिक्षा में योगदान दे पाऊंगा। मैं डांस मास्टर कला को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने डॉ. बालाजी से संपर्क करने और इस प्रक्रिया को पूरा करने में सहायता की।”
इसके अलावा, उन्होंने एक वीडियो में बताया, “मेरा शरीर हाई कमांड में तीन दिनों तक फ्रीजर में रखा जाएगा, जिसके बाद इसे मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया जाएगा। लेकिन मेरा दिल मेरे छात्रों के पास रहेगा।”
फिल्म इंडस्ट्री में सफर: एक शानदार करियर
शिहान हुसैनी ने 1986 में कमल हासन की फिल्म “पुन्नगई मन्नन” से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने 1987 में रजनीकांत की फिल्म “वेलाइकरन” में भी अभिनय किया।
प्रमुख फिल्में:
- ब्लडस्टोन
- उननई सोल्ली कुट्रामीलाई
- बद्री
- काथुवाकुला रेंडु काधल
- चेन्नई सिटी गैंगस्टर्स
- वेदन
उन्होंने अपनी पहचान एक कुशल अभिनेता और मार्शल आर्ट्स ट्रेनर के रूप में बनाई।
छात्रों से अपील: कराटे और तीरंदाजी को बढ़ावा दें
शिहान हुसैनी ने अपने जीवनकाल में कई प्रसिद्ध व्यक्तियों को कराटे का प्रशिक्षण दिया, जिनमें पवन कल्याण और विजय जैसे अभिनेता शामिल हैं।
पवन कल्याण को अपील
शिहान हुसैनी ने आंध्र प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री पवन कल्याण से एक मार्मिक अपील की थी:
“मैं अपने कराटे छात्र से अनुरोध करता हूं, जिसे मैंने ट्रेनिंग दी और ब्लैक बेल्ट प्रदान किया था, और जिसे मैंने ही नाम दिया था ‘पवन’। अब वह आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री हैं। जिस कराटे डोजो (प्रशिक्षण केंद्र) में आपने दो साल तक प्रशिक्षण लिया था, वह अब बिकने के कगार पर है। यह मार्शल आर्ट्स और फाइन आर्ट्स का 36 साल पुराना स्मारक है, जिसे तोड़कर वहां फ्लैट बनाए जा सकते हैं। इसे नष्ट न होने दें, इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करें।”
विजय के लिए संदेश
इसी तरह, थलपति विजय से भी उन्होंने एक महत्वपूर्ण अपील की:
*”मुझे उम्मीद है कि विजय मेरे उस सपने को साकार करने में मदद करेंगे, जिसमें हर तमिल परिवार में एक तीरंदाजी प्रेमी हो और कोई न कोई तमिलनाडु से निकलकर *ओलंपिक्स में देश का प्रतिनिधित्व करे।”
मार्शल आर्ट्स में योगदान
कराटे ट्रेनिंग और रिकॉर्ड्स
शिहान हुसैनी ने हजारों छात्रों को कराटे में प्रशिक्षित किया। वे शिहान 10वें डैन ब्लैक बेल्ट धारक थे और कराटे व तीरंदाजी के प्रचार में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे।
वे न केवल भारत के सबसे प्रतिष्ठित कराटे प्रशिक्षकों में से एक थे, बल्कि उन्होंने मार्शल आर्ट्स में कई विश्व रिकॉर्ड भी बनाए।
उन्होंने खुद को चेन से जकड़कर 72 घंटे तक ठंडे पानी में रखा और दुनिया का सबसे कठिन सहनशक्ति रिकॉर्ड बनाया।

शिहान हुसैनी सिर्फ एक अभिनेता या कराटे ट्रेनर नहीं थे, बल्कि मार्शल आर्ट्स के प्रति जुनून और समर्पण का प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में भी शरीर दान कर शिक्षा को बढ़ावा देने का फैसला लिया, जो उनकी महानता को दर्शाता है।
उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी विरासत को आगे बढ़ाया जाए और भारत में कराटे और तीरंदाजी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए।