Dollar Vs Rupee: रुपया 31 पैसे मजबूत, जानिए क्या हैं आगे के संकेत?

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Dollar Vs Rupee का रिश्ता लगातार उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। ताजा अपडेट के अनुसार, भारतीय रुपया गुरुवार को 31 पैसे की मजबूती के साथ 85.37 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह बढ़त बुधवार के 85.68 के मुकाबले आई है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Dollar Vs Rupee में यह मजबूती क्यों आई, बाजार पर इसका क्या असर पड़ा और भविष्य में क्या उम्मीद की जा सकती है।

घरेलू शेयर बाजार की मजबूती ने रुपये को दिया सहारा

भारतीय शेयर बाजार में 17 अप्रैल को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स करीब 1,509 अंक चढ़ा और निफ्टी भी 414 अंक ऊपर बंद हुआ। इस सकारात्मक माहौल ने विदेशी निवेशकों (FII) को आकर्षित किया, जिससे रुपये में मजबूती आई।

विशेषज्ञों का मानना है कि जब विदेशी निवेश भारत में आता है, तो डॉलर की तुलना में रुपये की मांग बढ़ जाती है, जिससे Dollar Vs Rupee में रुपये को फायदा होता है।

मिरे एसेट शेयरखान का विश्लेषण

अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी के अनुसार, घरेलू शेयर बाजार की तेजी और एफआईआई के ताजा निवेश के कारण भारतीय रुपया मजबूत हुआ। हालांकि, डॉलर इंडेक्स में रिकवरी और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये की तेजी को सीमित रखा।

Dollar Vs Rupee की चाल में यह देखा गया है कि अगर तेल महंगा होता है, तो भारत को ज्यादा डॉलर चुकाने पड़ते हैं, जिससे रुपया कमजोर होता है।

ट्रेड टैरिफ और अमेरिकी आंकड़ों पर नजर

ट्रेड टैरिफ को लेकर फिलहाल कुछ राहत है, जिससे रुपये को सपोर्ट मिल सकता है। साथ ही अमेरिकी डॉलर की कमजोरी भी रुपये के लिए सकारात्मक है। लेकिन आयातकों द्वारा डॉलर की लगातार खरीद और कच्चे तेल की ऊंची कीमतें चिंता का कारण हैं।

अब सबकी निगाहें अमेरिका के वीकली बेरोजगारी दावों और हाउसिंग डेटा पर टिकी हैं। इन आंकड़ों से Dollar Vs Rupee की दिशा तय हो सकती है।

USDINR की ट्रेडिंग रेंज

जानकारों के मुताबिक, USDINR स्पॉट प्राइस 85.20 से 85.70 रुपये के बीच रह सकता है। इसका मतलब है कि जब तक कोई बड़ा बाहरी झटका नहीं आता, तब तक रुपये में सीमित दायरे में ही हलचल होगी।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार का कहना है कि यह लगातार पांचवां सत्र है जब भारतीय रुपया मजबूत हुआ है। बीते चार हफ्तों में यह सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी है।

विदेशी निवेश का प्रवाह भारत की ओर

विशेषज्ञ मानते हैं कि “चीन प्लस वन” रणनीति के तहत अब विदेशी कंपनियां भारत को विकल्प के रूप में देख रही हैं। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनाव के कारण निवेशकों का रुख भारत की ओर हो रहा है। इससे Dollar Vs Rupee में रुपये को मजबूती मिल रही है।

टेक्निकल व्यू: सपोर्ट और रेजिस्टेंस

  • सपोर्ट लेवल: 85.20 रुपये
  • रेजिस्टेंस लेवल: 85.72 रुपये

अगर रुपया 85.20 के नीचे फिसलता है, तो कमजोर हो सकता है, लेकिन अगर यह 85.72 के ऊपर जाता है, तो इसमें और मजबूती की संभावना है।

इक्विटी मार्केट का हाल

17 अप्रैल को सेंसेक्स 1.96% और निफ्टी 1.77% चढ़े। लगभग 2340 शेयरों में तेजी आई, जबकि 1468 में गिरावट और 149 में कोई बदलाव नहीं हुआ। सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। इसका असर सीधा Dollar Vs Rupee पर पड़ा, क्योंकि विदेशी निवेशकों ने इस मौके को भुनाया।

किन सेक्टर्स में रही तेजी?

  • टेलीकॉम
  • पीएसयू बैंक
  • तेल एवं गैस
  • फार्मा
  • ऑटो
  • एनर्जी
  • प्राइवेट बैंक

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी आधा फीसदी की बढ़त रही। इससे बाजार में निवेशकों की भावनाएं और मजबूत हुईं।

आगे क्या है संभावनाएं?

Dollar Vs Rupee को लेकर आने वाले समय में कुछ अहम बातें हैं:

  1. विदेशी निवेश का बढ़ना रुपये के लिए फायदेमंद रहेगा।
  2. अगर अमेरिका के आर्थिक आंकड़े कमजोर आते हैं, तो डॉलर कमजोर हो सकता है, जिससे रुपये को मजबूती मिलेगी।
  3. लेकिन अगर कच्चे तेल की कीमतें और डॉलर इंडेक्स में तेजी बनी रहती है, तो यह रुपये की बढ़त को रोक सकती हैं।

FAQs:

1. Dollar Vs Rupee में आज रुपया कितना मजबूत हुआ?

Ans – गुरुवार को रुपया 31 पैसे मजबूत होकर 85.37 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

2. रुपये में मजबूती की मुख्य वजह क्या रही?

Ans – घरेलू शेयर बाजार की तेजी और विदेशी निवेशकों की खरीदारी मुख्य वजह रही।

3. क्या रुपये की मजबूती आगे भी जारी रह सकती है?

Ans – हां, अगर विदेशी निवेश जारी रहा और डॉलर कमजोर हुआ तो रुपये की मजबूती बनी रह सकती है।

4. USDINR की ट्रेडिंग रेंज क्या है?

Ans – 85.20 रुपये से 85.70 रुपये के बीच कारोबार की उम्मीद है।

5. रुपये पर कच्चे तेल की कीमतों का क्या असर होता है?

Ans – कच्चा तेल महंगा होने पर ज्यादा डॉलर खर्च होते हैं, जिससे रुपया कमजोर होता है।

6. विदेशी निवेश रुपये को कैसे प्रभावित करता है?

Ans – जब विदेशी निवेश आता है तो डॉलर की तुलना में रुपये की मांग बढ़ती है, जिससे रुपया मजबूत होता है।

7. चीन प्लस वन रणनीति का भारत पर क्या असर पड़ा?

Ans – इससे भारत में निवेश बढ़ रहा है, जिससे रुपये को समर्थन मिल रहा है।

8. अमेरिकी बेरोजगारी आंकड़े रुपये को कैसे प्रभावित करेंगे?

Ans – कमजोर आंकड़े डॉलर को नीचे ला सकते हैं, जिससे रुपया मजबूत हो सकता है।

9. टेक्निकल लेवल पर रुपये को कहां सपोर्ट और रेजिस्टेंस है?

Ans – सपोर्ट 85.20 और रेजिस्टेंस 85.72 रुपये पर है।

10. इक्विटी बाजार की तेजी का रुपये पर क्या असर पड़ा?

Ans – बाजार की तेजी ने विदेशी निवेश को आकर्षित किया, जिससे रुपये को मजबूती मिली।

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