राजत पाटीदार, जो कि घरेलू क्रिकेट में अपनी स्थिरता और आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं, IPL 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के कप्तान बनाए गए। यह जिम्मेदारी उनके कंधों पर तब आई जब टीम बदलाव के दौर से गुजर रही थी। विराट कोहली की छाया से बाहर निकलकर पाटीदार ने अपनी कप्तानी में नई दिशा देने की कोशिश की।
मध्यक्रम का भरोसेमंद बल्लेबाज़
पाटीदार का बल्लेबाज़ी रिकॉर्ड खासा शानदार रहा है। वह मिडिल ऑर्डर में आकर गेम को संभालते हैं और मुश्किल समय में बड़े शॉट्स लगाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने पिछले कुछ सीज़न में कई मैच जिताऊ पारियां खेली हैं, जिससे वह टीम के स्थायी सदस्य बन गए।
देवदत्त पडिक्कल को बाहर करने का फैसला

पंजाब किंग्स के खिलाफ बड़ा फैसला
IPL 2025 में एक ऐसे मैच में जब RCB का सामना पंजाब किंग्स से होना था, टीम मैनेजमेंट ने चौंकाने वाला निर्णय लेते हुए देवदत्त पडिक्कल को प्लेइंग XI से बाहर कर दिया। यह निर्णय तब और विवादास्पद हो गया जब मैच बारिश के कारण छोटा कर दिया गया और ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के रूप में भी उन्हें नहीं चुना गया।
विराट कोहली की राय की अनदेखी
इससे पहले विराट कोहली ने देवदत्त पडिक्कल की तारीफ करते हुए उन्हें टीम का अहम हिस्सा बताया था, लेकिन कप्तान पाटीदार और कोच एंडी फ्लावर ने उन्हें दरकिनार कर दिया।
खराब प्रदर्शन की वजह बनी रणनीति?
95 रन पर सिमटी पारी
RCB ने 14 ओवर में मात्र 95/9 का स्कोर खड़ा किया। इस खराब प्रदर्शन का मुख्य कारण था टॉप ऑर्डर का फ्लॉप होना। पाटीदार खुद तीसरे नंबर पर बैटिंग करने आए लेकिन बड़ा स्कोर नहीं कर सके।
टिम डेविड की पारी बनी इकलौता सहारा
टिम डेविड ने 26 गेंदों में 50 रनों की पारी खेली जिससे टीम सम्मानजनक स्कोर तक पहुँच सकी, लेकिन यह स्कोर भी जीत के लिए काफी नहीं था।
देवदत्त पडिक्कल की वापसी और जवाब
अगले ही मैच में खेली जबरदस्त पारी
पंजाब किंग्स के खिलाफ अगले ही मुकाबले में देवदत्त पडिक्कल को मौका मिला और उन्होंने 34 गेंदों पर 61 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। इस पारी में उन्होंने 5 चौके और 4 छक्के लगाए।
आलोचकों को दिया करारा जवाब
यह पारी सिर्फ RCB के लिए मैच जिताने वाली नहीं थी, बल्कि पाटीदार और फ्लावर के फैसले पर भी एक तरह का जवाब थी। उन्होंने दिखाया कि क्यों वह नंबर 3 के लिए सबसे उपयुक्त बल्लेबाज़ हैं।
टीम मैनेजमेंट की रणनीति पर सवाल
क्या पाटीदार कप्तानी के लिए तैयार हैं?
राजत पाटीदार एक शानदार बल्लेबाज़ जरूर हैं, लेकिन क्या वह एक अच्छे कप्तान भी हैं? देवदत्त पडिक्कल को बाहर करना, विराट कोहली की राय को नजरअंदाज़ करना, और फिर उसी खिलाड़ी की वापसी पर जीत दर्ज करना – ये सारे संकेत हैं कि टीम मैनेजमेंट को रणनीति पर दोबारा विचार करने की ज़रूरत है।
एंडी फ्लावर की भूमिका
हेड कोच एंडी फ्लावर की रणनीति और चयन निर्णय भी अब सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने अनुभवी और फार्म में चल रहे खिलाड़ी को नज़रअंदाज़ कर एक बड़ी गलती कर दी।
फैंस की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर नाराज़गी
RCB के फैन्स ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपनी नाराज़गी जाहिर की। #JusticeForPadikkal जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
पूर्व खिलाड़ियों की राय
कई पूर्व क्रिकेटर्स ने भी पाटीदार के फैसले पर सवाल उठाए और पडिक्कल की पारी को ‘मैच विनिंग’ और ‘साइलेंट स्लैप’ बताया।
आगे का रास्ता: RCB के लिए क्या सीख?
सही खिलाड़ियों को सही जगह देना ज़रूरी
IPL जैसे टूर्नामेंट में हर एक मैच महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में सही खिलाड़ी का चुनाव और उनकी जगह का निर्धारण मैच की किस्मत तय कर सकता है।
नेतृत्व और सहयोग की तालमेल
कप्तान, कोच और सीनियर खिलाड़ियों के बीच तालमेल होना आवश्यक है। अगर विराट जैसे अनुभवी खिलाड़ी की बात को नजरअंदाज किया जाएगा, तो टीम में असंतुलन आ सकता है।
राजत पाटीदार के नेतृत्व में RCB एक नई दिशा में जरूर बढ़ रही है, लेकिन रणनीतिक चूक और अनुभवी खिलाड़ियों की अनदेखी जैसी गलतियां टीम को भारी पड़ सकती हैं। देवदत्त पडिक्कल की वापसी और प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें नजरअंदाज करना सिर्फ एक रणनीतिक भूल ही नहीं, बल्कि क्रिकेटिंग समझ की भी कमी है। यदि RCB को इस सीज़न में ट्रॉफी जीतनी है, तो कप्तान और कोच को फैसलों पर पुनर्विचार करना होगा और फॉर्म व अनुभव को प्राथमिकता देनी होगी।