भारत में शुरू हुआ BrahMos मिसाइल निर्माण, जानिए कितनी ताकतवर है ये सुपरसोनिक हथियार!

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

भारतीय रक्षा क्षेत्र ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC) के लखनऊ नोड में स्थित अत्याधुनिक BrahMos मिसाइल निर्माण इकाई का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस इकाई में प्रतिवर्ष 80 से 100 BrahMos सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन किया जाएगा। यह पहल भारत की सैन्य क्षमताओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।

₹300 करोड़ की लागत से निर्मित उन्नत विनिर्माण इकाई

मिसाइल निर्माण में लगाई जाएगी अत्याधुनिक तकनीक

इस नई उत्पादन इकाई को ₹300 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। यह इकाई 290 से 400 किलोमीटर रेंज की BrahMos मिसाइलों का निर्माण करेगी, जो Mach 2.8 की गति से चलने में सक्षम हैं। इस मिसाइल की सबसे खास बात इसका “फायर एंड फॉरगेट” गाइडेंस सिस्टम है, जिससे यह लक्ष्य साधने के बाद स्वतः संचालन करती है।

BrahMos: भारत-रूस रक्षा सहयोग की उत्कृष्ट मिसाल

 BrahMos

BrahMos Aerospace का योगदान

BrahMos मिसाइल प्रणाली को भारत के DRDO और रूस के NPO Mashinostroyeniya के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है। BrahMos Aerospace, जो दोनों देशों के बीच एक संयुक्त उद्यम है, इस परियोजना का प्रमुख निर्माता है। यह मिसाइल जल, थल और नभ — तीनों माध्यमों से लॉन्च की जा सकती है और इसकी बहु-उपयोगिता इसे विशिष्ट बनाती है।

अगली पीढ़ी की BrahMos मिसाइलें भी होंगी तैयार

Aerospace Integration and Testing Facility की स्थापना

नव उद्घाटित उत्पादन इकाई के साथ-साथ Aerospace Integration and Testing Facility की भी स्थापना की गई है। इस इकाई में हर वर्ष 100 से 150 Next-Generation BrahMos मिसाइलों का निर्माण किया जाएगा। यहां मिसाइलों की असेंबली, एकीकरण और परीक्षण की समस्त प्रक्रियाएं एक ही परिसर में संपन्न होंगी।

उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका: भूमि और नीति समर्थन

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क प्रदान की है। इस भूमि पर मात्र तीन वर्ष से कुछ अधिक समय में यह इकाई तैयार की गई है। राज्य सरकार की यह रणनीतिक पहल न केवल रक्षा उत्पादन को गति देगी, बल्कि राज्य को रक्षा क्षेत्र में अग्रणी भी बनाएगी।

योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी और दृष्टिकोण

इस उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। उन्होंने इसे “नए भारत” की सामरिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि BrahMos जैसी परियोजनाएं उत्तर प्रदेश को भारत के रक्षा निर्माण का ‘हब’ बनाएंगी।

टाइटेनियम और सुपर अलॉय संयंत्र की शुरुआत

इस मौके पर Titanium and Super Alloys Materials Plant (Strategic Materials Technology Complex) का उद्घाटन भी हुआ। यह संयंत्र विशेषत: रक्षा और एयरोस्पेस निर्माण में प्रयुक्त उन्नत धातुओं का उत्पादन करेगा। इससे भारत इन सामग्रियों के आयात पर निर्भर नहीं रहेगा।

रक्षा परीक्षण अवसंरचना प्रणाली (DTIS) की आधारशिला

H3: रक्षा उपकरणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी नई प्रणाली

कार्यक्रम में Defence Testing Infrastructure System (DTIS) की भी आधारशिला रखी गई। DTIS का उद्देश्य भारत में विकसित सभी रक्षा प्रणालियों की तकनीकी गुणवत्ता, सुरक्षा मानकों और संचालन कुशलता की जांच करना है। यह प्रणाली रक्षा क्षेत्र में “मेक इन इंडिया” की विश्वसनीयता को वैश्विक स्तर पर बढ़ाएगी।

उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC): रणनीतिक केंद्र

उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा देश का दूसरा रक्षा गलियारा है, जो तमिलनाडु के बाद स्थापित हुआ है। इसमें छह नोड्स शामिल हैं—लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट। BrahMos निर्माण इकाई लखनऊ नोड का प्रमुख हिस्सा है, और यह न केवल रणनीतिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

BrahMos मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं

  • रेंज: 290-400 किलोमीटर
  • स्पीड: Mach 2.8
  • गाइडेंस: फायर एंड फॉरगेट
  • लॉन्च माध्यम: भूमि, समुद्र, वायु
  • निर्माता: BrahMos Aerospace (भारत-रूस संयुक्त उद्यम)
  • उत्पादन स्थल: उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा, लखनऊ

BrahMos उत्पादन से होने वाले रणनीतिक और आर्थिक लाभ

आत्मनिर्भरता और निर्यात क्षमता को मिलेगा बल

BrahMos मिसाइल का स्वदेशी निर्माण भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा और रक्षा क्षेत्र में निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ाएगा। कई देशों ने BrahMos मिसाइल में रुचि दिखाई है, जिससे यह इकाई भारत के रक्षा निर्यात में अहम भूमिका निभा सकती है।

स्थानीय रोजगार और औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके साथ-साथ लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में सहायक उद्योगों और तकनीकी केंद्रों का विकास भी सुनिश्चित होगा।

BrahMos मिसाइल उत्पादन भारत की सुरक्षा नीति की रीढ़

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा उद्घाटित BrahMos निर्माण इकाई भारत की सुरक्षा रणनीति, औद्योगिक विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस कदम है। यह पहल न केवल भारत की सैन्य शक्ति को सशक्त बनाएगी बल्कि इसे वैश्विक रक्षा बाजार में एक अहम स्थान भी प्रदान करेगी।

Leave a Comment