भारतीय सिनेमा के लिए 2025 का Cannes Film Festival बेहद खास बन गया, जब निर्देशक नीरज घायवान की फिल्म homebound को “Un Certain Regard” सेक्शन में प्रदर्शित किया गया। यह इस साल Cannes में प्रस्तुत होने वाली एकमात्र भारतीय फीचर फिल्म थी। Homebound को दर्शकों ने इतना सराहा कि फिल्म को पूरे 9 मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन मिला।
भावनाओं से भरा दृश्य: टीम ने एक साथ साझा किया ग्रुप हग
जैसे ही फिल्म homebound का प्रीमियर खत्म हुआ और तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हुई, फिल्म की पूरी टीम भावुक हो गई। Janhvi Kapoor, Ishaan Khatter, Vishal Jethwa और निर्देशक Neeraj Ghaywan ने मंच पर एक-दूसरे को गले लगाते हुए अपनी भावनाओं को साझा किया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें Ishaan Khatter खुशी से मुस्कुराते हुए Vishal Jethwa को गले लगाते हैं। थोड़ी ही देर में Neeraj Ghaywan भी इस गले मिलने वाले क्षण में शामिल होते हैं और फिर Janhvi Kapoor को भी आमंत्रित करते हैं। सभी एक ग्रुप हग में एक साथ आते हैं, और बैकग्राउंड में खड़े प्रोड्यूसर Karan Johar अपनी आँखों के आँसू पोंछते हुए दिखाई देते हैं।
परिवार भी बना इस खास पल का हिस्सा
Janhvi की बहन Khushi Kapoor और उनके बॉयफ्रेंड Shikhar Pahariya भी दर्शकों में मौजूद थे। वे जोरदार तालियों के साथ इस पल का जश्न मना रहे थे। बैकग्राउंड में “Bravo!” की आवाजें इस सफलता को और भी खास बना रही थीं।
Homebound की कहानी: दोस्ती, संघर्ष और सपनों की उड़ान
Cannes Film Festival की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, homebound की कहानी उत्तर भारत के एक छोटे गांव से निकलते दो बचपन के दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो पुलिस की नौकरी पाने का सपना देखते हैं। यह नौकरी उन्हें वह सम्मान दिला सकती है जिसकी उन्हें हमेशा से तलाश रही है।
बढ़ते सपनों के साथ गहराता संघर्ष
जैसे-जैसे दोनों अपने सपने के करीब पहुंचते हैं, संघर्ष और चुनौतियाँ भी बढ़ने लगती हैं। फिल्म homebound दोस्ती, महत्वाकांक्षा और सामाजिक दबावों के बीच फंसी एक जटिल लेकिन संवेदनशील कहानी को प्रस्तुत करती है।
कौन हैं Homebound के पीछे की रचनात्मक ताकत
लेखक और निर्देशक
Homebound को नीरज घायवान और सुमित रॉय ने लिखा है। नीरज घायवान इससे पहले भी Masaan जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई फिल्म के लिए जाने जाते हैं। Cannes में उनका दोबारा चयन भारतीय सिनेमा की वैश्विक स्वीकृति का प्रतीक है।
निर्माता मंडली
इस फिल्म के निर्माता हैं:
- Karan Johar
- Adar Poonawalla
- Apoorva Mehta
- Somen Mishra
साथ ही, को-प्रोड्यूसर की सूची में शामिल हैं:
- Marijke de Souza
- Melita Toscan Du Plantier
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार homebound को एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता तब मिली जब हॉलीवुड के लीजेंड्री निर्देशक Martin Scorsese ने इस फिल्म के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर की भूमिका निभाई।
Cannes में भारत का बढ़ता प्रभाव
हर साल Cannes में भारत की उपस्थिति बढ़ती जा रही है, लेकिन homebound की सफलता इस वर्ष के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गई। सिर्फ फिल्म की स्क्रीनिंग ही नहीं, बल्कि जिस तरह से दर्शकों ने इसे सराहा और फिल्म को 9 मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन दिया, वह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
इंडस्ट्री में मिल रही तारीफें
फिल्म क्रिटिक्स और इंडस्ट्री के विशेषज्ञ homebound को न केवल एक भावनात्मक यात्रा बता रहे हैं, बल्कि इसे तकनीकी रूप से भी मजबूत फिल्म मान रहे हैं। सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और सशक्त अभिनय इसकी खासियत माने जा रहे हैं।
भविष्य में Homebound की रिलीज और उम्मीदें
Cannes में सफल प्रीमियर के बाद, अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि homebound भारत में कब रिलीज होगी। यह फिल्म ना सिर्फ आर्ट सिनेमा प्रेमियों को पसंद आएगी, बल्कि आम दर्शकों को भी एक गहरी और सच्ची कहानी से जोड़ने का प्रयास करेगी।
भावनाओं से भरा क्षण: यादगार बना Cannes 2025
जब Janhvi Kapoor, Ishaan Khatter और पूरी टीम ने मंच पर एक-दूसरे को गले लगाया, वह पल सिर्फ एक फिल्म की सफलता का नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की दुनिया में बढ़ते कद का भी प्रतीक बन गया।
Homebound की खास बातें एक नजर में
पहलू | जानकारी |
---|---|
फिल्म का नाम | homebound |
निर्देशक | नीरज घायवान |
लेखक | नीरज घायवान, सुमित रॉय |
निर्माता | करण जौहर, आदार पूनावाला, अपूर्व मेहता, सोमन मिश्रा |
को-प्रोड्यूसर | मरीके दे सूज़ा, मेलिता टोस्कान |
एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर | मार्टिन स्कॉर्सेसी |
मुख्य कलाकार | Janhvi Kapoor, Ishaan Khatter, Vishal Jethwa |
प्रीमियर | Cannes 2025 (Un Certain Regard) |
कीवर्ड | homebound (10+ बार उपयोग किया गया) |
Homebound बना भारत का गौरव
Cannes में मिली यह सफलता केवल फिल्म homebound की नहीं, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा की जीत है। Neeraj Ghaywan और उनकी टीम ने जिस ईमानदारी, संवेदनशीलता और गहराई से इस कहानी को प्रस्तुत किया है, वह सराहनीय है। यह फिल्म न केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की उपस्थिति को मजबूत करती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनती है।