Tehran पर Israel का बड़ा हमला, बच्चों और वैज्ञानिकों की मौत, ईरान में मचा कोहराम

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ईरान की राजधानी तेहरान में शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे जबरदस्त धमाकों की आवाज़ ने लोगों की नींद तोड़ दी। पश्चिमी तेहरान के मर्ज़दरान इलाके में रहने वाली 62 वर्षीय रोया ने बताया, “धमाकों की आवाज़ से मैं कांप उठी। दिल इतनी तेज़ी से धड़क रहा था कि जैसे छाती से बाहर आ जाएगा।”

वह बताती हैं कि शुरू में उन्हें लगा कि हमला दूर कहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही पता चला कि उनके घर से कुछ ही गली दूर एक रिहायशी इलाका भी israel के हमले की चपेट में आया है।

980 के ईरान-इराक युद्ध के बाद पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई

यह पहली बार था जब 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध के बाद तेहरान जैसे घनी आबादी वाले शहर पर इतने व्यापक हवाई हमले हुए। israel की ओर से एक के बाद एक पांच राउंड में कई जगहों पर बमबारी की गई।

शीर्ष वैज्ञानिकों और सैन्य अफसरों की हत्या

इन हमलों में ईरान के छह शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों और भौतिकविदों की मौत हो गई, जिनमें एक ईरान की एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइजेशन के पूर्व प्रमुख भी शामिल हैं। साथ ही देश के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की भी जान गई, जिनमें सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, IRGC प्रमुख हुसैन सलामी और एयरस्पेस प्रमुख अली अकबर हाजीज़ादेह शामिल हैं।

israel द्वारा किए गए इन हमलों में अली शामखानी जैसे शीर्ष सलाहकार, जो सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के सुरक्षा प्रमुख रह चुके हैं, की भी मौत हो गई।

आम नागरिक भी चपेट में, बच्चों की भी मौत

इन हमलों में केवल अधिकारी और वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि कई आम नागरिक और उनके परिवार के सदस्य भी मारे गए। एक स्थानीय पत्रकार ने ट्वीट किया, “वो कोई सैन्य अधिकारी नहीं थी, न ही परमाणु वैज्ञानिक। वो बस एक आम लड़की थी जिसे साइकल चलाना और प्रकृति पसंद थी। उसका नाम नजमेह था और वो मेरी दोस्त थी।”

israel के इन हमलों में कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और आग की लपटें आसमान तक दिखाई दीं। बच्चों सहित कई निर्दोष लोगों की मौत की खबरों ने पूरे देश में गुस्सा फैला दिया।

इस्राइल और अमेरिका पर ईरान का आरोप

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और अन्य अधिकारियों ने इस हमले के लिए israel और अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इसे एक उकसावे की कार्रवाई बताया जो व्यापक युद्ध का कारण बन सकती है।

ईरान के परमाणु प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने भी IAEA और उसके प्रमुख राफेल ग्रॉसी की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि IAEA अब israel और पश्चिमी ताकतों का एक ‘प्रेशर टूल’ बन चुका है।

नतान्ज यूरेनियम साइट पर भी हमला

ईरान की प्रमुख नाभिकीय सुविधा नतान्ज, जो इस्फहान प्रांत में स्थित है, को भी israel के विमानों ने निशाना बनाया। उप परमाणु प्रमुख बहरोज कमालवंदी ने बताया कि हमलों का मकसद यूरेनियम संवर्धन स्थलों को नुकसान पहुंचाना था।

हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि वहां कितना नुकसान हुआ है, लेकिन अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि रेडियोधर्मी प्रदूषण का कोई संकेत नहीं मिला है।

हमले के बाद देशभर में अफरातफरी

हमलों के तुरंत बाद पूरे देश में पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें लग गईं। लोगों को डर था कि ईंधन की किल्लत हो सकती है। हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि ईंधन आपूर्ति सामान्य है और तेल सुविधाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

सरकार ने “इंटरनेट पर अस्थायी प्रतिबंध” लगाए और सांस्कृतिक मंत्रालय ने सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संगीत आयोजनों को अगली सूचना तक रद्द कर दिया।

इस्राइली हमलों के बाद विरोध प्रदर्शन

पूरे ईरान में israel के खिलाफ ज़बरदस्त प्रदर्शन हुए। राजधानी तेहरान समेत कई शहरों में सड़कों पर उतरे लोग “मौत हो इस्राइल पर” जैसे नारों के साथ प्रदर्शन करने लगे। ये हमले ईद-ए-ग़दीर से एक दिन पहले हुए, जो शिया मुसलमानों का एक महत्वपूर्ण पर्व है।

इस अवसर पर होने वाले सभी आयोजनों को या तो छोटा कर दिया गया या फिर उन्हें विरोध प्रदर्शनों में बदल दिया गया।

इस्राइल ने जताई और हमलों की चेतावनी

israel ने यह साफ किया है कि वह ईरान पर और “प्रिवेंटिव” हमले कर सकता है, यानी उसे लगता है कि खतरा है तो पहले ही हमला करेगा। इस बयान के बाद कई तेहरान वासी शहर छोड़कर सुरक्षित इलाकों की ओर चले गए हैं।

अमेरिका का बयान

शुक्रवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें हमलों की जानकारी थी, लेकिन अमेरिका ने कोई सैन्य सहायता नहीं दी। उन्होंने तेहरान से अपील की कि वह बातचीत की मेज पर लौटे और समझौते पर काम करे।

क्या यह पूर्ण युद्ध की शुरुआत है?

israel द्वारा ईरान की राजधानी और अन्य प्रांतों में किए गए हमले न सिर्फ सैन्य दृष्टि से घातक हैं, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा और मनोबल को भी प्रभावित कर रहे हैं। israel की यह रणनीति उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का शिकार बना सकती है, खासकर जब इसमें निर्दोष लोगों की जान जा रही है।

दूसरी ओर, ईरान की प्रतिक्रिया और बदले की चेतावनी इस क्षेत्र में एक बड़े संघर्ष की भूमिका तैयार कर सकती है। क्या यह एक व्यापक युद्ध की शुरुआत है या केवल शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा? आने वाला समय तय करेगा।

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