Digvesh Rathi : आईपीएल 2025 जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे मैदान से बाहर की चर्चाएं भी जोर पकड़ रही हैं। इस बार चर्चा का केंद्र बना है BCCI का वह निर्णय जिसमें विराट कोहली को उनके आक्रामक जश्न पर कोई सज़ा नहीं दी गई, जबकि Digvesh Rathi को ‘नोटबुक सेलिब्रेशन’ करने पर दो बार जुर्माना झेलना पड़ा। इस मसले को उठाया है पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने।
विराट कोहली के जश्न पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

चंडीगढ़ में हुए पंजाब किंग्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के मैच में विराट कोहली ने शानदार अर्धशतक जड़कर अपनी टीम को जीत दिलाई। मैच खत्म होते ही कोहली ने मैदान पर जोश में भरकर आक्रामक अंदाज में जश्न मनाया, जो कि पंजाब किंग्स के कप्तान शरयास अय्यर की दिशा में था। यह पूरा दृश्य कैमरे में कैद हुआ और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
Digvesh Rathi की ‘नोटबुक सेलिब्रेशन’ पर दो बार फाइन
वहीं दूसरी ओर, लखनऊ सुपर जायंट्स के गेंदबाज Digvesh Rathi ने इसी सीज़न में दो बार विकेट लेने के बाद ‘नोटबुक सेलिब्रेशन’ किया। पहली बार 1 अप्रैल को पंजाब के बल्लेबाज़ प्रियांश आर्य को आउट करने के बाद उन्होंने यह सेलिब्रेशन किया और इसके बदले में उन्हें 25% मैच फीस का जुर्माना और एक डिमेरिट पॉइंट मिला।
दूसरी बार जब उन्होंने यही जश्न दोहराया, तब BCCI ने 50% फीस काटी और दो और डिमेरिट पॉइंट्स दिए। अब Digvesh Rathi ने डर के मारे यह जश्न बंद कर दिया और मज़ाक में कहा कि “अब तो मैं मैदान पर ज़मीन पर कुछ लिख रहा हूं।”
आकाश चोपड़ा का सवाल – “फिर विराट कोहली क्यों बचे?”
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए आकाश चोपड़ा ने इस फैसले पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा:
“Digvesh Rathi ने ‘नोटबुक सेलिब्रेशन’ किया और दो बार जुर्माना भुगता। मगर विराट कोहली ने जब एक आक्रामक अंदाज में सेलिब्रेशन किया, तब कोई भी टिप्पणी नहीं की गई। उन्हें ना फाइन किया गया, ना ही कोई चेतावनी दी गई।”
चोपड़ा का यह सवाल वाजिब है क्योंकि आईपीएल की कोड ऑफ कंडक्ट सभी खिलाड़ियों के लिए समान होनी चाहिए।
MS Dhoni के पुराने मामले का उदाहरण
चोपड़ा ने महेंद्र सिंह धोनी के पुराने मामले का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि एक बार CSK के कप्तान धोनी अंपायर से बहस करने के लिए मैदान में घुस गए थे और उन्हें 50% मैच फीस का जुर्माना भुगतना पड़ा था।
“धोनी को मैदान पर आने के लिए सज़ा मिली, जो नियमों के खिलाफ था। लेकिन विराट कोहली के मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?” – चोपड़ा
क्या Digvesh Rathi के साथ हो रहा है भेदभाव?

यह सवाल अब पूरे क्रिकेट जगत में उठने लगा है कि कहीं Digvesh Rathi के साथ भेदभाव तो नहीं हो रहा? वह एक युवा खिलाड़ी हैं जो अपनी पहचान बनाने के लिए हर मैच में जी-जान से खेलते हैं। उनके ‘नोटबुक सेलिब्रेशन’ को BCCI ने दो बार नियमों के खिलाफ माना, जबकि विराट कोहली जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी को उन्हीं नियमों के तहत राहत मिलती दिख रही है।
Digvesh Rathi ने खुद जताई नाराज़गी
Digvesh Rathi ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“मैंने जश्न मनाने का एक तरीका अपनाया था जो मुझे प्रेरणा देता है। लेकिन अब मुझे डर लगता है कि कहीं फिर से फाइन न लग जाए। मैंने तो अब ज़मीन पर कुछ लिखना शुरू कर दिया है, ताकि फाइन से बच सकूं।”
यह बयान बताता है कि कैसे एक युवा खिलाड़ी अपनी मेहनत के बावजूद मानसिक दबाव का शिकार हो सकता है।
सोशल मीडिया पर भी उठी आवाज़
क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स ने ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर BCCI के इस व्यवहार की आलोचना की है। अधिकांश यूज़र्स ने कहा कि Digvesh Rathi को भी वही आज़ादी और सम्मान मिलना चाहिए जो विराट कोहली को मिलता है।
BCCI को देनी चाहिए स्पष्टता
अगर BCCI वास्तव में सभी खिलाड़ियों के लिए एक समान नियम लागू करता है, तो फिर Digvesh Rathi और विराट कोहली के मामले में दो अलग-अलग निर्णय क्यों लिए गए? बोर्ड को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
नियम सबके लिए एक जैसे हों
आज के इस दौर में जब क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक भावना बन चुका है, तब हर खिलाड़ी को बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए। Digvesh Rathi जैसे उभरते खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के बजाय, उन पर बार-बार फाइन लगाना उनका मनोबल तोड़ सकता है।