Earthquake: म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप का कारण क्या था? वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा!

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शुक्रवार को म्यांमार के सगाइंग (Sagaing) क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का एक शक्तिशाली earthquake आया, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस earthquake के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड में भी महसूस किए गए।

म्यांमार में earthquake की संवेदनशीलता (Earthquake Vulnerability in Myanmar)

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1. म्यांमार क्यों earthquake संभावित क्षेत्र है?

म्यांमार दुनिया के उन देशों में शामिल है, जो earthquake की दृष्टि से सबसे अधिक संवेदनशील (Seismically Active) माने जाते हैं। इसका मुख्य कारण है कि यह भारत प्लेट (Indian Plate) और यूरेशिया प्लेट (Eurasian Plate) की सीमा पर स्थित है।

2. प्लेटों की हलचल और earthquake का कारण

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की प्रोफेसर जोआना फॉरे वॉकर के अनुसार, म्यांमार के नीचे स्थित प्लेट्स उत्तर-दक्षिण दिशा में एक-दूसरे के समानांतर खिसकती हैं।

  • इस तरह की प्लेट हलचल से स्ट्राइक-स्लिप (Strike-Slip) earthquake आते हैं।
  • ये earthquake 7 से 8 की तीव्रता तक पहुंच सकते हैं।
  • यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है, लेकिन जब ऊर्जा रिलीज़ होती है, तो यह एक शक्तिशाली earthquake में बदल जाती है।

शुक्रवार का earthquake इतना विनाशकारी क्यों था?

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1. हाल के वर्षों में सगाइंग क्षेत्र में आए earthquake

सगाइंग क्षेत्र में पहले भी earthquake आए हैं, लेकिन वे इतने बड़े नहीं थे:

  • 2012 में 6.8 तीव्रता का earthquake आया था, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे।
  • हालांकि, शुक्रवार का earthquake इससे कहीं अधिक शक्तिशाली था।

2. यह म्यांमार का सबसे बड़ा earthquake था?

भूकंप विशेषज्ञ बिल मैग्वायर के अनुसार, यह शायद पिछले 75 वर्षों में म्यांमार की मुख्यभूमि पर आया सबसे बड़ा earthquake था।

ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे के मानद अनुसंधान साथी रॉजर मसन ने बताया कि इस earthquake की गहराई मात्र 10 किलोमीटर (6.2 मील) थी।

3. Earthquake की गहराई और विनाश का संबंध

  • कम गहराई वाले earthquake अधिक विनाशकारी होते हैं क्योंकि उनकी ऊर्जा सतह तक पूरी ताकत से पहुंचती है।
  • गहरे earthquake में झटके सतह तक आते-आते कमजोर हो जाते हैं।
  • शुक्रवार के earthquake में, सतह पर इसकी पूरी शक्ति महसूस की गई, जिससे इमारतें धराशायी हो गईं।

4. Earthquake का केंद्र (Epicenter) और फॉल्ट लाइन का प्रभाव

मसन के अनुसार, earthquake की ताकत सिर्फ केंद्र बिंदु (Epicenter) से नहीं निकलती, बल्कि यह पूरी फॉल्ट लाइन (Fault Line) से बाहर फैलती है।

इसका मतलब यह हुआ कि इस earthquake ने कई शहरों को प्रभावित किया और इसका प्रभाव लंबी दूरी तक महसूस किया गया।

म्यांमार की earthquake से निपटने की तैयारी कैसी थी?

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1. कितने लोग प्रभावित हुए?

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार:

  • मरने वालों की संख्या 10,000 से 100,000 के बीच हो सकती है।
  • आर्थिक नुकसान म्यांमार की GDP का 70% तक हो सकता है।

2. पूर्वानुमान कैसे लगाया गया?

भूकंप विशेषज्ञ रॉजर मसन ने बताया कि इस अनुमान को तैयार करने के लिए:

  • पिछले earthquake के डेटा का अध्ययन किया गया।
  • म्यांमार की कुल जनसंख्या और earthquake तैयारी की स्थिति का विश्लेषण किया गया।

3. इमारतों की स्थिति और ज्यादा नुकसान का कारण

सगाइंग क्षेत्र में 1956 के बाद कोई बड़ा earthquake नहीं आया था।

इसका मतलब यह हुआ कि:

  • इमारतों का निर्माण earthquake-रोधी तकनीक से नहीं किया गया था।
  • ज्यादातर घर और इमारतें पुरानी और कमजोर संरचना वाली थीं।
  • जब earthquake आया, तो वे आसानी से गिर गईं और नुकसान बढ़ गया।

4. पश्चिमी म्यांमार में अधिक earthquake, लेकिन इस बार केंद्र में क्यों?

मसन के अनुसार, ज्यादातर earthquake म्यांमार के पश्चिमी हिस्से में आते हैं।

लेकिन यह earthquake:

  • म्यांमार के केंद्र से होकर गुजरा (यानी सगाइंग क्षेत्र)।
  • यहां अधिक जनसंख्या और बड़ी इमारतें थीं, जिससे ज्यादा नुकसान हुआ।

क्या म्यांमार भविष्य में ऐसे earthquake से बच सकता है?

1. मजबूत इमारतों का निर्माण जरूरी

  • जापान जैसे देशों की तरह, earthquake-रोधी तकनीकों को अपनाना होगा।
  • नई इमारतों के निर्माण में फ्लेक्सिबल स्ट्रक्चरल डिजाइन को अपनाना होगा।

2. चेतावनी प्रणाली विकसित करनी होगी

  • जल्द चेतावनी (Early Warning System) से लोगों को earthquake से पहले सतर्क किया जा सकता है।
  • इसके लिए भूकंपीय सेंसर (Seismic Sensors) की संख्या बढ़ानी होगी।

3. जनता को जागरूक करना जरूरी

  • स्कूलों और कार्यस्थलों में earthquake अभ्यास (Earthquake Drills) कराए जाएं।
  • लोगों को earthquake के दौरान क्या करें और क्या न करें की जानकारी दी जाए।

म्यांमार में आया 7.7 तीव्रता का earthquake हाल के वर्षों में सबसे विनाशकारी earthquake में से एक था।

  • इसका मुख्य कारण म्यांमार की भौगोलिक स्थिति और वहां मौजूद फॉल्ट लाइनें हैं।
  • कम गहराई (10 किमी) पर केंद्रित होने के कारण, इसके झटके अत्यधिक शक्तिशाली थे।
  • earthquake-रोधी इमारतों की कमी, इसे और अधिक विनाशकारी बना दिया।
  • आने वाले वर्षों में, म्यांमार को earthquake से निपटने की रणनीति विकसित करनी होगी।

अगर म्यांमार को भविष्य में ऐसे विनाशकारी earthquake से बचना है, तो उसे earthquake-रोधी संरचनाओं, आपातकालीन योजनाओं और चेतावनी प्रणालियों में सुधार करना होगा।

क्या आपको लगता है कि म्यांमार सरकार को तुरंत earthquake-रोधी नीति अपनानी चाहिए?
अपने विचार कमेंट में जरूर बताएं!

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