Mpox Cases India: Mpox (Monkeypox) के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के निर्देश जारी किए हैं। Mpox के संदिग्ध और पुष्ट मामलों के लिए अलगाव (isolation) की सख्त सलाह दी गई है। सरकार ने सभी मामलों और संभावित मौतों के जोखिम को कम करने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग (Contact Tracing) पर जोर दिया है।
Mpox क्या है?
Mpox, जिसे आमतौर पर Monkeypox कहा जाता है, एक दुर्लभ संक्रामक बीमारी है जो Monkeypox वायरस के कारण होती है। यह रोग मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है, लेकिन अब इंसान से इंसान में भी इसका प्रसार हो रहा है। Monkeypox के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और त्वचा पर दाने या फफोले शामिल हैं।
भारत में Mpox के मामले: क्या स्थिति है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 से अगस्त 2024 तक, 120 से अधिक देशों ने Mpox के मामले दर्ज किए हैं। इस अवधि के दौरान, 1 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हुई और लगभग 220 मौतें भी हुईं।
हालांकि, भारत में अभी तक कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है। हाल ही में, एक व्यक्ति जो Mpox प्रभावित देश से लौटा था, उसे आइसोलेट किया गया है और उसके सैंपल की टेस्टिंग की जा रही है। उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
Mpox की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग पर जोर
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केंद्र सरकार ने Mpox के संदिग्ध मामलों की पहचान और उनकी टेस्टिंग पर जोर दिया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे अस्पतालों में आइसोलेशन की सुविधा के लिए तैयारी रखें और संसाधनों में वृद्धि करें। सरकार ने यह भी कहा है कि आम जनता में अनावश्यक घबराहट से बचना चाहिए और जागरूकता बढ़ानी चाहिए।
कांटेक्ट ट्रेसिंग का महत्व
सरकार ने Covid-19 महामारी के दौरान लागू किए गए कठोर कांटेक्ट ट्रेसिंग उपायों के समान Mpox के लिए भी व्यापक कांटेक्ट ट्रेसिंग की सलाह दी है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संक्रमण का प्रसार कम हो, संदिग्ध मामलों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की पहचान और उन्हें निगरानी में रखा जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि राज्यों में उच्च स्तर के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य की तैयारियों की समीक्षा की जानी चाहिए। इसमें विशेष रूप से त्वचा और यौन संचारित रोग (STD) क्लीनिकों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को Mpox के लक्षणों और संभावित निदान के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर आधारित जानकारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने WHO की नवीनतम रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि Mpox से प्रभावित अधिकतर मरीज 18 से 44 वर्ष की आयु के पुरुष होते हैं। इन मरीजों में सबसे आम लक्षण त्वचा पर दाने (सामान्य या जननांगों पर) और बुखार होते हैं।
Mpox को PHEIC के रूप में घोषित किया गया
Mpox को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक PHEIC (Public Health Emergency of International Concern) के रूप में घोषित किया गया है। यह वैश्विक स्वास्थ्य संकट की एक स्थिति है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और निगरानी की आवश्यकता को इंगित करती है।
अस्पतालों की तैयारी और संसाधनों में वृद्धि
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य और जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा का निर्देश दिया है। इसमें संदिग्ध और पुष्ट मामलों के इलाज के लिए अस्पतालों में आइसोलेशन सुविधाओं की तैयारी शामिल है। स्वास्थ्यकर्मियों को Mpox के लक्षणों, निदान और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने के बाद की जाने वाली कार्रवाई के बारे में जानकारी दी जाएगी।
Mpox के लक्षण और बचाव
Mpox के मुख्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और त्वचा पर फफोले या दाने शामिल होते हैं। इसका प्रसार संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो सकता है, इसलिए इससे बचने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेशन बहुत महत्वपूर्ण हैं।
Mpox के खिलाफ सरकार की तैयारियाँ
- टेस्टिंग लैब्स की सूची जारी की गई है, जो Mpox की जांच करने के लिए सक्षम हैं।
- संक्रमण नियंत्रण और रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
- सरकार ने Mpox से संबंधित जोखिम संचार रणनीतियाँ भी पेश की हैं, ताकि आम जनता तक सही जानकारी पहुँच सके और वे संक्रमण से बचाव कर सकें।
सार्वजनिक स्वास्थ्य की तैयारियाँ
मंत्रालय ने राज्यों और जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे अपने स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारियों की समीक्षा करें। स्वास्थ्यकर्मियों को Mpox के निदान और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए ताकि संभावित मामलों का सही समय पर निदान और इलाज किया जा सके।
अस्पतालों में आइसोलेशन की सुविधा
राज्यों से कहा गया है कि वे संदिग्ध और पुष्ट Mpox मामलों के लिए आइसोलेशन सुविधाओं को तैयार रखें। इसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता हो सकती है, इसलिए सरकार ने अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्था करने पर जोर दिया है।
भारत में Mpox से बचाव के उपाय
- संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचें।
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग सुनिश्चित करें।
- सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सार्वजनिक स्थानों पर सावधानियाँ बरतें।
निष्कर्ष:
Mpox के संभावित प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम महत्वपूर्ण हैं। संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग से लेकर कांटेक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेशन तक, हर एक कदम संक्रमण के प्रसार को कम करने में मदद करेगा। जागरूकता और सही समय पर निदान से हम इस संक्रमण से लड़ सकते हैं और इसके खतरे को कम कर सकते हैं।
Mpox से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. Mpox क्या है?
Mpox, जिसे Monkeypox भी कहा जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो Monkeypox वायरस के कारण होती है। यह मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है, लेकिन अब इसका प्रसार इंसान से इंसान में भी हो सकता है।
2. Mpox के लक्षण क्या हैं?
Mpox के सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और त्वचा पर फफोले या दाने शामिल हैं। ये दाने शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं, विशेष रूप से चेहरे और जननांगों पर।
3. Mpox कैसे फैलता है?
Mpox का प्रसार संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क, त्वचा से त्वचा के संपर्क, और संक्रमित सामग्री के संपर्क से हो सकता है। संक्रमित जानवरों के काटने या उनके शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है।
4. Mpox के मामलों की पहचान कैसे की जाती है?
Mpox के संदिग्ध मामलों की पहचान उनकी स्वास्थ्य स्थिति और लक्षणों के आधार पर की जाती है। पुष्टि के लिए संक्रमित व्यक्ति के नमूने की लैब टेस्टिंग की जाती है।
5. क्या Mpox का इलाज संभव है?
Mpox के इलाज के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाता है और उन्हें सहायक उपचार दिया जाता है ताकि वे जल्दी ठीक हो सकें।
6. क्या Mpox से बचाव के लिए कोई टीका है?
वर्तमान में, Mpox से बचाव के लिए कोई विशेष टीका उपलब्ध नहीं है। हालांकि, चेचक (Smallpox) के टीके को Monkeypox से बचाव के लिए उपयोगी माना गया है, क्योंकि दोनों वायरस आपस में जुड़े होते हैं।
7. क्या भारत में Mpox के मामले पाए गए हैं?
अब तक भारत में कोई पुष्टि किया गया Mpox का मामला सामने नहीं आया है। हालाँकि, संभावित मामलों की पहचान की जा रही है और संदिग्ध मरीजों का टेस्ट किया जा रहा है।
8. Mpox के प्रसार को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे Mpox के मामलों की स्क्रीनिंग करें, संदिग्ध मामलों को आइसोलेशन में रखें, और कांटेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया को अपनाएं। इसके साथ ही, स्वास्थ्यकर्मियों को इस बीमारी के लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
9. अगर मैं Mpox के लक्षण महसूस कर रहा हूँ तो मुझे क्या करना चाहिए?
यदि आपको Mpox के लक्षण महसूस होते हैं, जैसे कि बुखार, दाने, या सिरदर्द, तो आपको तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाना चाहिए। डॉक्टर आपकी स्थिति की जांच करेंगे और आपको आइसोलेट करके आपके नमूने की जांच करेंगे।
10. Mpox के मामलों में जागरूकता कैसे फैलाई जा रही है?
सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने जागरूकता अभियान चलाए हैं ताकि लोग Mpox के लक्षणों, इसके प्रसार, और इससे बचाव के तरीकों के बारे में जान सकें। राज्यों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने स्तर पर लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करें।