Navdeep Singh का सफर कभी आसान नहीं था। उनकी 4 फीट 4 इंच की ऊंचाई के कारण उन्हें न सिर्फ तानों और उपेक्षा का सामना करना पड़ा, बल्कि उन्हें समाज से इज्जत और सम्मान पाने के लिए भी कड़ा संघर्ष करना पड़ा। हरियाणा के पानीपत से ताल्लुक रखने वाले 23 वर्षीय नवदीप का जीवन का एकमात्र लक्ष्य था—समाज में सम्मान और गरिमा हासिल करना।
जब नवदीप सिंह ने 31 अगस्त को पेरिस में पैरालंपिक खेलों में कदम रखा, तो उनका मकसद था कि भारत के लोग उन्हें उनकी कद-काठी से नहीं बल्कि एक चैंपियन पैरा-एथलीट के रूप में याद करें। 7 सितंबर को पेरिस के स्टेड डी फ्रांस एरिना में उन्होंने अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करते हुए 47.32 मीटर की दूरी तय की और पुरुषों की जेवलिन थ्रो F41 कैटेगरी में भारत के लिए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता। यह भारत का इस कैटेगरी में पहला स्वर्ण पदक था।
आलोचकों को गलत साबित करने की चाह
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नवदीप के लिए यह जीत सिर्फ एक पदक से ज्यादा थी। यह उस समाज को जवाब था जिसने हमेशा उनकी ऊंचाई को लेकर उन्हें मजाक का पात्र बनाया था। उन्होंने गर्व से कहा, “हमें भी उतना ही सम्मान मिलना चाहिए क्योंकि मैंने भी देश का नाम रोशन किया है। समाज को समझना होगा कि हम जैसे लोग (बौने व्यक्ति) भी इस दुनिया में मौजूद हैं, और हमें मजाक का पात्र नहीं बनाना चाहिए। हमने भी देश का नाम गर्व से ऊंचा किया है।”
सिल्वर से गोल्ड तक का सफर
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नवदीप ने पहले रजत पदक जीता था, लेकिन ईरान के बीत सैयाह सादेग को “अनुचित और अस्वाभाविक व्यवहार” के लिए अयोग्य करार दिए जाने के बाद नवदीप का पदक स्वर्ण में बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे बड़ा पल था और उन्हें गर्व है कि उन्होंने इसे गोल्ड के साथ समाप्त किया।
खेल की शुरुआत और अंतर्राष्ट्रीय सफर
नवदीप सिंह ने अपने खेल करियर की शुरुआत महज 10 साल की उम्र में कुश्ती और स्प्रिंटिंग से की थी, लेकिन बाद में जेवलिन थ्रो को चुना। 2017 में उन्होंने पेशेवर प्रशिक्षण लेना शुरू किया और उसी साल एशियन यूथ पैरा गेम्स में अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करते हुए जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी 5 स्वर्ण पदक जीते हैं।
बड़े टूर्नामेंट में चुनौतियां
हालांकि, जब बात बड़े मल्टीस्पोर्ट इवेंट्स जैसे पैरालंपिक और पैरा एशियन गेम्स की आई, तो किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। वह 2020 के टोक्यो पैरालंपिक और पिछले साल हुए हांगझू एशियाई खेलों में चौथे स्थान पर रहे। इसके बाद कई लोगों ने उनकी आलोचना की कि वह बड़े इवेंट्स में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते।
आलोचनाओं का जवाब
नवदीप ने कहा, “मैंने बहुत कुछ सहा है, इसलिए मैं देश के लिए कुछ हासिल करना चाहता था। मेरे इवेंट का दिन आखिरी था, लेकिन मैं 31 अगस्त को आ गया था। मैंने खुद को सहेज कर रखा क्योंकि मुझे पता था कि लोग कहते हैं, ‘वह यह नहीं कर सकता, वह सिर्फ भारत में अच्छा प्रदर्शन करता है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में विफल हो जाता है’। मैंने यह सब सुना, लेकिन मैंने उन बातों को नजरअंदाज किया। मुझे सिर्फ सही मार्गदर्शन और दिशा की जरूरत थी।”
पारिवारिक समर्थन और प्रेरणा
नवदीप सिंह ने अपने पिता दलबीर सिंह, जो खुद एक राष्ट्रीय स्तर के पहलवान रहे हैं, को अपनी सफलता का प्रमुख श्रेय दिया। उन्होंने कहा, “मेरे दिमाग में सबसे पहले मेरे पिता का ख्याल आता है। मैं अपने परिवार को बहुत याद करता हूं। शुरू में मुझे यह सब बोझ जैसा लगता था। मुझे लगता था कि मैं दूसरों की तरह स्कूल नहीं जा सकता और मजे नहीं कर सकता। लेकिन मेरे पापा ने मुझे हमेशा प्रेरित किया और एक चैंपियन एथलीट बनने के रास्ते पर बनाए रखा।”
सरकार और कोच का समर्थन
नवदीप ने अपनी जीत में अपने कोच, परिवार और सरकार की भी बड़ी भूमिका बताई। उन्होंने कहा, “चैंपियन केवल एक व्यक्ति से नहीं बनते। यह पूरे समुदाय का समर्थन होता है, जो हमें इस मुकाम तक लाता है। मेरी जीत में कोच और सरकार का भी उतना ही योगदान है।”
नवदीप सिंह की प्रेरणादायक यात्रा से जुड़े सवाल (FAQs)
1. नवदीप सिंह कौन हैं?
नवदीप सिंह एक भारतीय पैरा-एथलीट हैं, जिन्होंने पैरालंपिक खेलों में जेवलिन थ्रो में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता है। वह हरियाणा के पानीपत से हैं और अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के लिए जाने जाते हैं।
2. नवदीप ने पैरालंपिक खेलों में कौन सा पदक जीता?
नवदीप सिंह ने पैरालंपिक खेलों में जेवलिन थ्रो F41 कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता है, जो इस कैटेगरी में भारत का पहला स्वर्ण पदक है।
3. नवदीप सिंह के कोच कौन हैं?
नवदीप सिंह के कोच का नाम विशेष रूप से लेख में नहीं दिया गया है, लेकिन उन्होंने अपने कोच को अपनी सफलता का एक प्रमुख कारण बताया है।
4. नवदीप सिंह की प्रेरणा कौन है?
नवदीप सिंह के पिता दलबीर सिंह उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। उनके पिता एक पूर्व राष्ट्रीय स्तर के पहलवान हैं, जिन्होंने नवदीप को एथलेटिक्स के प्रति प्रेरित किया।
5. नवदीप सिंह ने किस उम्र में खेल की शुरुआत की?
नवदीप सिंह ने अपनी खेल यात्रा की शुरुआत 10 साल की उम्र में की थी, और उन्होंने कुश्ती और स्प्रिंटिंग से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में जेवलिन थ्रो में विशेषज्ञता हासिल की।