Nitish Reddy ने अपनी प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया में बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान अपने करियर का पहला टेस्ट शतक लगाया। यह शतक न केवल उनके करियर की नई ऊंचाई है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।
पिता के सामने शतक लगाकर हुए भावुक
नीतीश रेड्डी के लिए यह पल बेहद खास था क्योंकि उनके पिता मुतयाला रेड्डी दर्शक दीर्घा में मौजूद थे और यह ऐतिहासिक पारी देख रहे थे। शतक पूरा करने के बाद, नीतीश भावुक हो गए और इस सफलता को अपने पिता को समर्पित किया।
ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय
नीतीश रेड्डी ने मात्र 21 साल और 216 दिन की उम्र में शतक लगाकर इतिहास रच दिया। वह सचिन तेंदुलकर और ऋषभ पंत के बाद ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बन गए।
- सचिन तेंदुलकर: 18 साल 253 दिन (सिडनी, 1992)
- ऋषभ पंत: 21 साल 91 दिन (सिडनी, 2019)
- Nitish Reddy: 21 साल 216 दिन (मेलबर्न, 2024)
शतक तक का सफर
नीतीश ने 171 गेंदों में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपना शतक पूरा किया। उन्होंने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर चौका लगाकर यह उपलब्धि हासिल की। यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय शतक है।
दबाव में दिखाई परिपक्वता
भारतीय पारी के 114वें ओवर में नीतीश 99 रन पर थे और नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े थे। जसप्रीत बुमराह के आउट होने के बाद सभी की निगाहें नीतीश पर टिक गईं। मोहम्मद सिराज ने बखूबी डिफेंस किया और नीतीश को स्ट्राइक दिलाई। इसके बाद नीतीश ने शानदार तरीके से शतक पूरा किया।
आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए खास रिकॉर्ड
नीतीश रेड्डी ने आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा। यह उपलब्धि केवल कुछ ही खिलाड़ियों ने हासिल की है।
- अजय रात्रा: 20 साल 150 दिन (2002)
- अबुल हसन: 20 साल 108 दिन (2012)
- Nitish Reddy: 21 साल 216 दिन (2024)
नीतीश का खास जश्न
शतक लगाने के बाद नीतीश ने घुटनों के बल बैठकर, हेलमेट को बैट के हैंडल पर टांगते हुए आसमान की ओर इशारा किया। उनकी आंखें बंद थीं, और यह पल पूरी तरह भावनात्मक था।
अर्धशतक लगाने के बाद उन्होंने फिल्म ‘पुष्पा’ के प्रसिद्ध ‘झुकेगा नहीं’ अंदाज में जश्न मनाया था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने डटकर खेलते हुए नीतीश ने दिखा दिया कि वह हार मानने वालों में से नहीं हैं।
नीतीश का बल्लेबाजी और गेंदबाजी प्रदर्शन
नीतीश रेड्डी न केवल बल्ले से बल्कि गेंद से भी योगदान दे रहे हैं।
- अब तक उन्होंने छह पारियों में 284 रन बनाए हैं।
- उनका औसत 71 का है, जो उनकी बल्लेबाजी में स्थिरता दिखाता है।
- गेंदबाजी में भी उन्होंने तीन विकेट चटकाए हैं।
मेलबर्न टेस्ट में शानदार साझेदारी
नीतीश ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर आठवें विकेट के लिए 127 रन की साझेदारी की। यह ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस क्रम पर भारत की ओर से दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है।
- सचिन तेंदुलकर और हरभजन सिंह: 129 रन (2008)
- Nitish Reddy और वॉशिंगटन सुंदर: 127 रन (2024)
नीतीश की तकनीक और मानसिकता
नीतीश की बल्लेबाजी तकनीक न केवल तेज गेंदबाजों बल्कि स्पिनर्स के खिलाफ भी सॉलिड रही है। उन्होंने उछाल भरी पिच पर मैच्योरिटी के साथ खेलते हुए साबित कर दिया कि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
भारतीय टीम के लिए नई उम्मीद
नीतीश रेड्डी को मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में डेब्यू का मौका मिला। उन्होंने पहले टेस्ट में 41 और 38*, दूसरे टेस्ट में 42-42, और तीसरे टेस्ट में 16 रन बनाए। अब मेलबर्न में शतक लगाकर वह भारत के सबसे सफल बल्लेबाज बन गए हैं।
नीतीश रेड्डी: मध्यम वर्गीय परिवार से भारतीय क्रिकेट का सितारा
नीतीश का सफर आसान नहीं था। उन्होंने आर्थिक तंगी में अपने पिता को संघर्ष करते हुए देखा और उसी दिन से क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया।
नीतीश कहते हैं: “पिता ने मेरी सफलता के लिए अपनी नौकरी छोड़ी। उनकी आंखों में खुशी देखकर मुझे गर्व होता है। मैंने क्रिकेट के प्रति मेहनत की और अपने पिता को गौरवान्वित किया।”
Conclusion:
Nitish Reddy ने ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट को नई उम्मीद दी है। उनकी मेहनत, दृढ़ता और प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय टीम का अगला ‘स्टार ऑलराउंडर’ बना दिया है।