Rashmi Saluja Religare: रिलिगेयर एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड (REL) और भारत के प्रसिद्ध बर्मन परिवार, जो डाबर ब्रांड के मालिक हैं, के बीच एक नया विवाद उभर कर सामने आया है। रश्मि सलूजा (Rashmi Saluja), जो रिलिगेयर एंटरप्राइजेज़ की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन हैं, उन पर महाराष्ट्र पुलिस ने धोखाधड़ी और साजिश रचने के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला तब शुरू हुआ जब बर्मन परिवार ने रिलिगेयर में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश की और इसके बाद इस विवाद ने एक नया मोड़ लिया।
बर्मन परिवार का अधिग्रहण प्रयास और विवाद की शुरुआत
बर्मन परिवार, जो डाबर जैसी FMCG (Fast Moving Consumer Goods) ब्रांड के लिए जाना जाता है, ने रिलिगेयर एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड (REL) में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने का प्रयास किया। इसके बाद, रिलिगेयर के कुछ शीर्ष अधिकारियों ने इस कदम के खिलाफ विरोध किया। आरोप है कि REL के एग्जीक्यूटिव्स ने रश्मि सलूजा के नेतृत्व में एक साजिश रची ताकि बर्मन परिवार का अधिग्रहण रोका जा सके।
मामले में शामिल FIR और पुलिस की जांच
इस मामले में शिकायत दर्ज करने वाले एक रिलिगेयर शेयरहोल्डर वैभव जलिंदर गवली ने रश्मि सलूजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें आरोप था कि रिलिगेयर के पूर्व निदेशक, मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह ने बर्मन समूह के साथ मिलकर रिलिगेयर के संसाधनों का दुरुपयोग किया है। यह मामला तब और भी गंभीर हो गया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) की जांच शुरू की।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में नए खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया। गवली ने अपने बयान में कहा कि रश्मि सलूजा और रिलिगेयर के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें निर्देशित किया कि वह रिलिगेयर के 500 शेयर खरीदें और इसके बाद पूर्व निदेशकों और बर्मन समूह के खिलाफ एक फर्जी शिकायत दर्ज करें। गवली ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिए ₹2 लाख दिए गए थे, जिसमें से उन्होंने ₹1.2 लाख शेयर खरीदने में खर्च किए और बाकी राशि शिकायत दर्ज करने के लिए रखी।
रिलिगेयर एग्जीक्यूटिव्स की भूमिका और आरोप
गवली के बयान के अनुसार, रश्मि सलूजा ने खुद एक सॉफ्ट कॉपी तैयार की थी जिसे गवली को पुलिस में शिकायत के रूप में जमा करना था। जब पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया, तो उन्होंने गवली को अदालत में एक वकील के पास जाने का निर्देश दिया। ईडी के अनुसार, यह पूरा षड्यंत्र बर्मन परिवार को रिलिगेयर का अधिग्रहण करने से रोकने के लिए रचा गया था।
ईडी के द्वारा आरोप और जांच की दिशा
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि गवली को REL के शीर्ष अधिकारियों से धन प्राप्त हुआ और इसे कंपनी के शेयर खरीदने और बाद में बर्मन परिवार के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज करने के लिए इस्तेमाल किया गया। ईडी ने 21 अगस्त 2024 को रश्मि सलूजा और अन्य रिलिगेयर अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई। इनमें कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन प्लान (ESOP) से जुड़े दस्तावेज और केयर हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित शेयर ट्रांसफर के विवरण शामिल थे।
Rashmi Saluja Religare: मामले की जटिलता और आगे की कार्यवाही
ईडी ने महाराष्ट्र पुलिस को बताया कि प्रारंभिक जांच से यह साबित होता है कि माटुंगा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर पूरी तरह से प्रेरित थी और इसका उद्देश्य बर्मन परिवार द्वारा रिलिगेयर का अधिग्रहण रोकना था। इसके अलावा, यह भी खुलासा हुआ कि रश्मि सलूजा और रिलिगेयर के अन्य अधिकारियों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए ESOPs के माध्यम से कंपनी के संसाधनों का दुरुपयोग किया।
निष्कर्ष
यह मामला रिलिगेयर एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड के भविष्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। रश्मि सलूजा और अन्य अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों के बाद यह देखना बाकी है कि अदालत और जांच एजेंसियों का क्या रुख रहता है। इस पूरे मामले ने रिलिगेयर में चल रहे विवाद और बर्मन परिवार के अधिग्रहण के प्रयास को एक नई दिशा दे दी है।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
Q1: रिलिगेयर और बर्मन परिवार के बीच विवाद क्या है?
A1: विवाद रिलिगेयर एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड (REL) में बर्मन परिवार द्वारा बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने के प्रयास से जुड़ा है, जिसे रोकने के लिए रश्मि सलूजा और अन्य रिलिगेयर अधिकारियों पर साजिश रचने का आरोप है।
Q2: रश्मि सलूजा पर क्या आरोप लगाए गए हैं?
A2: रश्मि सलूजा पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी FIR दर्ज करवाने और बर्मन परिवार का रिलिगेयर अधिग्रहण रोकने के लिए एक षड्यंत्र रचा। इसके अलावा, उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और ESOPs का दुरुपयोग करने का भी आरोप है।
Q3: ईडी ने इस मामले में क्या पाया?
A3: ईडी ने पाया कि गवली ने रिलिगेयर अधिकारियों से धन प्राप्त किया और इसके बाद उन्होंने पूर्व निदेशकों और बर्मन समूह के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज करवाई।
Q4: इस मामले में आगे की कार्रवाई क्या है?
A4: ईडी और महाराष्ट्र पुलिस इस मामले की जांच कर रहे हैं और आगे की कार्रवाई अदालत के फैसले पर निर्भर करेगी।
Q5: क्या बर्मन परिवार अब भी रिलिगेयर का अधिग्रहण करने की कोशिश कर रहा है?
A5: इस विवाद के बावजूद, बर्मन परिवार रिलिगेयर का अधिग्रहण करने की कोशिश जारी रख सकता है, लेकिन यह रिलिगेयर के अंदरुनी प्रबंधन और कानूनी प्रक्रिया पर निर्भर करेगा।