कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर दिए गए बयानों ने पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति उत्पन्न कर दी है। कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की हालिया बैठक में, पार्टी नेताओं ने थरूर के बयानों को पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर बताया और उन्हें ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक और थरूर की भूमिका
17 मई 2025 को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, सचिन पायलट और शशि थरूर सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि यह समय व्यक्तिगत विचार प्रकट करने का नहीं है, बल्कि पार्टी की आधिकारिक स्थिति को मजबूत करने का है।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं और लोग अपने विचार व्यक्त करते रहते हैं, लेकिन इस बार थरूर ने ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी है।”
थरूर के विवादास्पद बयान
शशि थरूर ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर कई बयान दिए हैं, जो पार्टी की आधिकारिक स्थिति से भिन्न हैं। उन्होंने पाकिस्तान को ‘असफल और संकीर्ण मानसिकता वाला’ देश बताया और कहा कि भारत को पाकिस्तान से कुछ नहीं चाहिए।
थरूर ने यह भी कहा कि भारत ने केवल आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए कार्रवाई की थी, न कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए।
Shashi Tharoor Controversy: कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने थरूर के बयानों से दूरी बनाई है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “जब श्री थरूर बोलते हैं, तो वह उनका व्यक्तिगत विचार होता है और वह पार्टी की स्थिति नहीं होती।”
पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस समय व्यक्तिगत विचार प्रकट करने का नहीं है, बल्कि पार्टी की आधिकारिक स्थिति को मजबूत करने का है।
थरूर की सफाई
शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें पार्टी की ओर से कोई औपचारिक चेतावनी नहीं मिली है। उन्होंने कहा, “मेरे बयानों का उद्देश्य राष्ट्रीय विमर्श में योगदान देना था, न कि पार्टी की स्थिति को कमजोर करना।”
शशि थरूर के बयानों ने कांग्रेस पार्टी के भीतर एक नई बहस को जन्म दिया है कि व्यक्तिगत विचारों की अभिव्यक्ति और पार्टी अनुशासन के बीच संतुलन कैसे स्थापित किया जाए। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी इस स्थिति से कैसे निपटती है और आगे की रणनीति क्या होती है।