Sridhar Vembu: भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग, जो दशकों से वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना चुका है, अब एक गहरे संकट की ओर बढ़ रहा है। Zoho के संस्थापक श्रीधर वेंबु ने हाल ही में इस उद्योग की मौजूदा स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह केवल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के कारण नहीं है, बल्कि वर्षों से चली आ रही संरचनात्मक अक्षमताओं का परिणाम है।
उद्योग में वर्षों से चली आ रही अक्षमताएँ

वेंबु के अनुसार, सॉफ्टवेयर उद्योग में दशकों से चली आ रही अक्षमताएँ अब सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक चक्रीय मंदी नहीं है, बल्कि एक संरचनात्मक परिवर्तन है जो अगले कई दशकों को प्रभावित करेगा।
AI का प्रभाव और वास्तविक समस्या

हालांकि AI ने सॉफ्टवेयर विकास में कुछ हद तक उत्पादकता बढ़ाई है, लेकिन वेंबु का मानना है कि यह समस्या की जड़ नहीं है। उन्होंने कहा कि AI केवल मौजूदा अक्षमताओं को उजागर कर रहा है, जो वर्षों से उद्योग में बनी हुई हैं।
भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग की स्थिति

वेंबु ने विशेष रूप से भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत ने इन अक्षमताओं को अपनाया है और अब लाखों नौकरियाँ इन पर निर्भर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि IT उद्योग ने उस प्रतिभा को भी आकर्षित किया है, जो अन्य क्षेत्रों जैसे विनिर्माण या बुनियादी ढांचे में जा सकती थी।
भविष्य की दिशा

वेंबु का मानना है कि उद्योग को अब अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछले 30 वर्षों का अनुभव अगले 30 वर्षों के लिए मार्गदर्शक नहीं हो सकता। उन्होंने उद्योग के नेताओं से आग्रह किया है कि वे अपनी धारणाओं को चुनौती दें और भविष्य के लिए नई रणनीतियाँ विकसित करें।
श्रीधर वेंबु की चेतावनी भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह समय है कि उद्योग अपनी संरचनात्मक समस्याओं को पहचानकर उन्हें दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए। केवल तभी यह उद्योग भविष्य में भी अपनी प्रासंगिकता और प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रख सकेगा।
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