Swiggy CEO Hustle Culture: Swiggy के CEO रोहित कपूर ने ‘Hustle Culture’ पर साधा निशाना, 3 बजे रात तक काम करने की जरूरत नहीं

Swiggy CEO Hustle Culture: आजकल के हसल कल्चर (Hustle Culture) को अक्सर बढ़ावा दिया जाता है, जिसमें लोग लगातार ओवरटाइम काम करके सफलता (Success) पाने की कोशिश करते हैं। लेकिन स्विगी के सीईओ रोहित कपूर ने इस विचार को पूरी तरह से नकार (Reject) दिया है और काम-जीवन संतुलन (Work-Life Balance) पर जोर दिया है।

क्यों जलाते हो ‘मिडनाइट ऑयल’? – रोहित कपूर

हाल ही में आयोजित एक इवेंट में, कपूर ने कहा, “क्यों बर्न कर रहे हो मिडनाइट ऑयल? किसने बोला है? घर जाओ, डॉग है, बीवी है, गर्लफ्रेंड है, बच्चे हैं, कुछ तो करो…“। उनका ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और उन्हें साधारण और तार्किक सोच का व्यक्ति बताया जा रहा है।

कपूर का यह वीडियो, जिसमें उन्होंने हसल कल्चर को “पूरी तरह से बकवास” कहा, अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई यूजर्स उनकी मददगार और सेंसिबल सलाह की सराहना कर रहे हैं।

क्या सफलता के लिए ‘पागलपन’ ज़रूरी है?

रोहित कपूर ने इस इवेंट में यह भी कहा कि सफलता पाने के लिए किसी को भी पागलपन (Crazy) की हद तक मेहनत करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी भी बड़ी चीज को हासिल करने के लिए मेहनत (Hard Work) जरूरी है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि उसके लिए आपको अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत (Mental and Physical Health) की बलि देनी पड़े।

कपूर ने कहा, “जीवन में कुछ भी आसान नहीं होता, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप काम के लिए पागल हो जाएं।” यह बयान उस समय आया जब EY इंडिया के एक युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट की पुणे में मौत ने टॉक्सिक वर्क कल्चर (Toxic Work Culture) पर नई चर्चाओं को जन्म दिया।

वर्क-लाइफ बैलेंस पर सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

कपूर के इस बयान पर सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही है। कई लोगों ने उनकी बातों की तारीफ करते हुए कहा कि यह साधारण और तार्किक सलाह है।

एक यूजर ने पोस्ट पर कमेंट किया, “आखिरकार किसी ने हम सभी से नॉर्मल तरीके से बात की।

‘हसल कल्चर’ पर अन्य सीईओ की राय

भारत के कई अन्य प्रमुख सीईओ जैसे कि इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने लोगों को ओवरटाइम काम करने और ऑफिस में एक्सेल (Excel) करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इसके विपरीत, स्विगी के सीईओ रोहित कपूर ने यह विचार को ‘पूरी तरह से बकवास’ कहकर खारिज कर दिया है और ज़रूरत से ज्यादा काम करने की बजाय जीवन के अन्य पहलुओं (Other Aspects of Life) पर ध्यान देने की सलाह दी है।

हसल कल्चर क्या है और क्यों इसकी आलोचना हो रही है?

हसल कल्चर का मतलब होता है बिना रुके और बिना ब्रेक के लगातार काम करना, जिससे व्यक्ति के जीवन में केवल काम ही मुख्य हिस्सा बन जाता है। इस कल्चर की वजह से लोग अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत (Mental and Physical Health) को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बर्नआउट (Burnout) और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

रोहित कपूर ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी काम का गुलाम (Work Slave) बनने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “जीवन में और भी बहुत कुछ है। आपको खुद को पूरी तरह से काम में डूबाने की ज़रूरत नहीं है।

क्या ‘स्मार्ट वर्क’ ही है सही रास्ता?

कपूर ने स्मार्ट वर्क (Smart Work) करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर किसी को हार्ड वर्क (Hard Work) करना चाहिए, लेकिन इसमें संतुलन (Balance) होना जरूरी है। काम के साथ-साथ (Work-Life Balance) जीवन के अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों को भी समय देना चाहिए।

उनकी यह बात कामकाजी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय (Popular) हो रही है, जो अक्सर हसल कल्चर के कारण अपने जीवन में संतुलन नहीं बना पाते हैं।

निष्कर्ष

स्विगी के सीईओ रोहित कपूर ने हसल कल्चर को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और यह बताया कि सफलता (Success) पाने के लिए पागलपन की हद तक काम करना जरूरी नहीं है। उनकी इस तार्किक सलाह (Logical Advice) ने सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही बटोरी है। अगर आप भी अपनी वर्क-लाइफ को संतुलित (Balanced) करना चाहते हैं, तो रोहित कपूर की सलाह पर अमल करें और जीवन के अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों को भी समय दें।

FAQs:

1. हसल कल्चर क्या होता है?

हसल कल्चर (Hustle Culture) का मतलब है लगातार, बिना रुके और बहुत ज्यादा मेहनत करना, जिसमें व्यक्ति काम में इतना डूब जाता है कि उसका निजी जीवन प्रभावित हो जाता है।

2. स्विगी के सीईओ रोहित कपूर ने हसल कल्चर के बारे में क्या कहा?

स्विगी के सीईओ रोहित कपूर ने हसल कल्चर को पूरी तरह से बकवास करार दिया है। उन्होंने कहा कि सफलता (Success) पाने के लिए पागलपन की हद तक काम करना जरूरी नहीं है, और वर्क-लाइफ बैलेंस (Work-Life Balance) होना चाहिए।

3. क्या काम के लिए ओवरटाइम करना जरूरी है?

कपूर के अनुसार, ओवरटाइम करना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना वजह रातों को काम करना आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत (Mental and Physical Health) पर बुरा असर डाल सकता है।

4. रोहित कपूर का वर्क-लाइफ बैलेंस के बारे में क्या विचार है?

रोहित कपूर ने कहा कि वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है। उनका मानना है कि सिर्फ काम पर ध्यान देने की बजाय आपको अपने परिवार, दोस्तों और निजी जीवन के लिए भी समय निकालना चाहिए।

5. क्या हर सफल व्यक्ति को हसल कल्चर अपनाना पड़ता है?

नहीं, रोहित कपूर के अनुसार, सफलता पाने के लिए हसल कल्चर अपनाना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट वर्क (Smart Work) और संतुलन से भी सफल हुआ जा सकता है।

6. हसल कल्चर से जुड़े क्या नुकसान हैं?

हसल कल्चर से जुड़े नुकसान में बर्नआउट (Burnout), तनाव, मानसिक और शारीरिक समस्याएं शामिल हैं। यह कल्चर व्यक्ति की सेहत और निजी जीवन को प्रभावित कर सकता है।

7. क्या रोहित कपूर ने किसी विशेष घटना का उल्लेख किया है?

हां, कपूर का बयान उस समय आया जब EY इंडिया के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की ओवरवर्क के कारण हुई मौत ने टॉक्सिक वर्क कल्चर (Toxic Work Culture) पर नई बहस शुरू की थी।

8. क्या सोशल मीडिया पर रोहित कपूर के बयान को समर्थन मिला?

जी हां, सोशल मीडिया पर रोहित कपूर के बयान को काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। लोगों ने उनकी साधारण और तार्किक सलाह (Logical Advice) की सराहना की।

9. क्या रोहित कपूर ने हार्ड वर्क को नकारा है?

नहीं, रोहित कपूर ने कहा कि हार्ड वर्क (Hard Work) जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अपनी सेहत और निजी जीवन (Health and Personal Life) की बलि देनी पड़े।

10. स्विगी के सीईओ के अनुसार, सफलता का सही तरीका क्या है?

कपूर के अनुसार, स्मार्ट वर्क (Smart Work), मेहनत, और संतुलित जीवन (Balanced Life) ही सफलता पाने का सही तरीका है। उन्होंने हसल कल्चर को अनावश्यक बताया।

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